सामाजिक कार्यों में त्याग और समर्पण भाव जितना अधिक होगा, सफलता उतना ही सुखद अनुभव देगी ।

यहाँ जाने— भारतीय संविधान उद्देशिका शिलालेख का किस्सा

सामाजिक कार्यों में त्याग और समर्पण भाव जितना अधिक होगा, सफलता उतना ही सुखद अनुभव देगी ।

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आज़ादी की प्रकाशवान दौड़ 15/8/2022

15 अगस्त 2022 – 76वें भारतीय स्वतंत्रता दिवस पर समिति द्वारा “आज़ादी की प्रकाशवान दौड़” आयोजित की गई । उक्त दौड़ की शुरवात में रीगल तिराहा स्थित महात्मा गाँधी जी की प्रतिमा पर मशाल प्रज्ज्वलित की गई तत्पश्चात माल्यार्पण, पुष्पार्पण कर उक्त दौड़ पूर्व प्रधानमंत्री पं जवाहर लाल नेहरू जी की प्रतिमा, मधुमिलन चौराहा पर पहुंची, यह भी प्रतिमा पर माल्यार्पण, पुष्पार्पण कर उक्त दौड़ भारतीय संविधान निर्माता डॉ बाबा साहब अम्बेडकर जी की प्रतिमा, गीता भवन, एबी रोड चौराहा पर समाप्त हुई । इस दौरान भीमराव सरदार, भारत निम्बाडकर, ईश्वर तायड़े, रघुवीर मरमट, लक्की पिसे प्रज्ज्वलित मशाल को बारी-बारी से लेकर दौड़ते रहे । डॉ बाबा साहब अम्बेडकर जी की प्रतिमा स्थल पर माल्यार्पण, पुष्पार्पण कर बुद्ध वंदना, भीम स्तुति की गई तथा देश के वीर स्वतंत्रता सेनानियों को याद कर उन्हें नमन किया गया । उक्त आयोजन में भारत माता के रूप में बालिका मनीषा सरदार मौजूद रही ।